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Showing posts from August, 2017

अलाउद्दीन खिलजी की इतिहास प्रसिद्ध चितौड़गढ़ विजय । Historically famous Chittorgarh victory of Alauddin Khilji.

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अलाउद्दीन खिलजी की विजय (1297-1311 ईस्वीं) अलाउद्दीन खिलजी उत्तरी भारत की विजय (1297-1305 ईस्वीं)-- अलाउद्दीन खिलजी की इतिहास प्रसिद्ध चितौड़गढ़ विजय व प्रारंभिक सैनिक सफलताओं से उसका दिमाग फिर गया था। महत्वाकांक्षी तो वह पहले ही था। इन विजयों के उपरांत वह अपने समय का सिकंदर महान बनने का प्रयास करने लगा। उसके मस्तिष्क में एक नवीन धर्म चलाने तक का विचार उत्पन्न हुआ था, परन्तु दिल्ली के कोतवाल काजी अल्ला उल मुल्क ने अपनी नेक सलाह से उसका यह विचार तो समाप्त कर दिया। उसने उसको एक महान विजेता होने की सलाह अवश्य दी। इसके अनंतर अलाउद्दीन ने इस उद्देश्य पूर्ति के लिए सर्वप्रथम उत्तरी भारत के स्वतंत्र प्रदेशों को विजित करने का प्रयास किया। 1299 ईस्वी में सुल्तान की आज्ञा से उलुगखां तथा वजीर नसरत खां ने गुजरात पर आक्रमण किया। वहां का बघेल राजा कर्ण देव परास्त हुआ। वह देवगिरी की ओर भागा और उसकी रूपवती रानी कमला देवी सुल्तान के हाथ लगी। इस विजय के उपरांत मुसलमानों ने खंभात जैसे धनिक बंदरगाह को लूटा। इस लूट में प्राप्त धन में सबसे अमूल्य धन मलिक कापुर था, जो कि आगे चलकर सुल्तान का

A short guide for upcoming exams-2017.

This article is for Youth who are preparing for competitive examinations. IBPS (Institute of Banking Personnel Selection) IBPS ने 20 राष्ट्रीय बैंकों में P.O और मैनेजर ट्रेनिं के लिए पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। 3562 पदों के लिए अभ्यर्थी 5 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं। सामान्य व ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन शुल्क Rs.600 तथा एससी-एसटी विकलांग अभ्यर्थियों के लिए 100 रुपए आवेदन शुल्क रहेगा। अभ्यर्थी की आयु सीमा 20 से 30 साल के बीच होनी जरूरी है। वही SC ST अभ्यर्थियों को ऊपरी आयु सीमा में 5 साल की छूट तथा ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को 3 वर्ष की छूट, निशक्त जनों को 10 वर्ष की छूट तथा भूतपूर्व अभ्यर्थियों को 5 साल की छूट है। सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री होना जरूरी है। आवेदन IBPS.in पर जाकर कर सकते हैं। इसके लिए व्यक्ति के पास ईमेल ID पता मोबाइल नंबर होना जरूरी है। अभ्यर्थी को सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा इसके बाद मांगी गई जानकारी भरकर आवेदन को सबमिट कर के आवेदन शुल्क जमा कराना होगा। प्रक्रिया:- न्यूनतम कट ऑफ पास करने

Gurmeet Ram Rahim Singh's Rape Verdict. राम रहीम पर लगे आरोपों की पूरी लिस्ट

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Gurmit Ram Rahim डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह आज शुक्रवार को दोषी करार दिये गए हैं। रेप केस में पंचकूला की सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें दोषी पाया है। अब उनको 28 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी। फिलहाल उन्हें कोर्ट से सीधे अम्बाला जेल ले जाया गया है। उधर हरियाण सरकार की ओर से फैसले के बाद हर स्थित से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर ली गयी है। राम रहीम पर लगे आरोपों की पूरी लिस्ट गुरमीत राम रहीम, एक नाम, जिसका इतिहास किसी रहस्य से कम नहीं है। उन्हें एक संत के रूप में देखा जाता रहा है। समाजसेवा से लेकर फिल्मों में सुपर हीरो तक, वो सभी जगह नजर आ चुके हैं। यही वजह है कि वो अपने सत्संग से कम, अपनी लाइफ स्टाइल को लेकर ज्यादा सुर्खियों में रहे हैं। इन सब के बीच उनका विवादों से भी गहरा रिश्ता रहा है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम पर एक साध्वी के साथ रेप का अारोप लगा। ये अारोप 2002 को एक गुमनाम लैटर के जरिए लगाया गया। तब उच्च न्यायालय ने लेटर का संज्ञान लेते हुए सितम्बर 2002 को मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने जांच में आरोप सही पाए और डे

Role of women in female feticide (embryoctony) in India.

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Pregnant क्या है कन्या भ्रूण हत्या और क्यों ? कन्या भ्रूण हत्या जन्म से पहले लड़कियों को मारने की सामाजिक कुप्रथा है। इस परंपरा का वाहक केवल अशिक्षित और निम्न मध्यम वर्ग ही नहीं बल्कि एक उच्च शिक्षित समाज भी है। भारत में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और गुजरात जैसे सबसे समृद्ध राज्यों में लिंग अनुपात सबसे कम है। गर्भ से लिंग परीक्षण जाँच के बाद बालिका शिशु को हटाना कन्या भ्रूण हत्या है। केवल पहले लड़का पाने की परिवार में बुजुर्ग सदस्यों की इच्छाओं को पूरा करने के लिये जन्म से पहले बालिका शिशु को गर्भ में ही मार दिया जाता है। ये सभी प्रक्रिया पारिवारिक दबाव खासतौर से पति और ससुराल पक्ष के लोगों के द्वारा की जाती है। गर्भपात कराने के पीछे सामान्य कारण अनियोजित गर्भ है। जबकि कन्या भ्रूण हत्या परिवार द्वारा की जाती है। भारतीय समाज में अनचाहे रुप से पैदा हुई लड़कियों को मारने की प्रथा सदियों से है। भारत में 1979 में अल्ट्रासाउंड तकनीक आयी हालांकि इसका फैलाव बहुत धीमे था। लेकिन वर्ष 2000 में व्यापक रुप से फैलने लगा। इसका आंकलन किया गया कि 1990 से, लड़की होने की वजह से 10 मिलीयन से ज

Menstruation in women and leave work.महिलाओ में माहवारी और काम से छुट्टी।

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MC आजकल महिलाओं में माहवारी (मासिक धर्म) के मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुयी है। बहस इस बात को लेकर है, की इस अवधि के दौरान उन्हें काम से छुट्टी देनी चाहिए या नहीं। मासिक धर्म एक चक्र है। इस चक्र से हर महिला हर महीने गुजरती है। आईये इसके बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करते है। मासिक धर्म क्या है? हर महिला में जब उसका गर्भ अपने अंदर रक्त की एक नयी झिल्ली (परत) बनाता है तो पुरानी झिल्ली या परत छोटे छोटे टुकड़ो में टूटकर स्रावित होकर योनि मार्ग के द्वारा अपशिष्ट के रूप में बाहर निकलती है। ये प्रक्रिया हर महीने होती है। इसे मासिक धर्म, माहवारी या इंग्लिश में  Menstruation cycle कहते है। ये महिला में गर्भ को अंडे व भ्रूण परिपक्व होने के लिए हर महीने तैयार करता है। इसके चार चरण होते है। 1 . गर्भ में अंडे का निषेचित होना। 2 . निषेचित अंडे का अंडाशय में यात्रा करना। 3 . जब किसी महिला का पुरुष के साथ संसर्ग होता है, तथा पुरुष के द्वारा संसर्ग के दौरान शुक्राणु वीर्य के रूप में महिला की योनि में छोड़ दिये जाते है, तो वे परिवहन कर रहे अंडो के संपर्क में आते है। फलस्वरूप महिला गर्भ धारण कर ले

बछबारस की कहानी । Bachh Baras Katha aur Pooja Vidhi in Hindi.

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छवि  बछ बारस द्वादशी की कहानी व व्रत का उजमन भारतीय महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। किसी महिला के लड़का होता है या जिस वर्ष लड़के का विवाह होता है, उस साल बछबारस का उजमन करते हैं। वैसे तो सब पूजा हर साल करते हैं, वैसे ही कर ले। बछबारस के उजमन में एक थाली में भीगे हुए सवा सेर मोठ , बाजरा कि तेरह छोटी छोटी कुड़ी कर दें। दो दो मुठि बाजरा का आटा में घी चीनी पानी से पिंड बना ले। साथ में दो दो टुकड़े खीरा ककड़ी के रखें। उनके ऊपर एक एक तिल व एक एक रूपया रखें। और रुपया रखकर सासु जी ने पगा लग कर दे। वह बाद में गीत गाते हुए जोहड पूजन जाना चाहिए। पूजा की सब सामग्री साथ लेकर जाएँ पूजा करके वापस गीत गाते हुए आना चाहिए। बछबारस की कहानी एक साहूकार था जिसके सात बेटे थे और खूब सारे पोते थे। साहूकार ने एक जोहड बनवाया। 12 बरस हो गए लेकिन उसमें पानी नहीं आया। जब उसने पंडितों को बुलाकर उसका कारण पूछा, तो पंडितों ने बोला कि या तो बड़े बेटा की या बड़े पौत्र की बलि देनी पड़ेगी। तब साहूकार ने खूब सोच विचार करके अपनी बड़ी बहू को पीहर भेज दिया। एक दिन पंडितों के कहे अनुसार बड़े पोते की बलि दे दी। थोड़

जयपुर भर्मण के लिए 5 महत्वपूर्ण जगह। Top 5 places visit to Jaipur.

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जयपुर में भर्मण के लिए 5 महत्वपूर्ण जगह। 1. सिटी पैलेस  सिटी पैलेस एक महल परिसर है, जो गुलाबी शहर जयपुर के केंद्र में स्थित है। खूबसूरत परिसर जिसमें कई भवन, विशाल आंगनों और आकर्षक उद्यान शामिल हैं, राजसी इतिहास का स्मारक है। चंद्र महल और मुबारक महल परिसर में कुछ महत्वपूर्ण संरचनाएं हैं। बीते युग की बहुमूल्य वस्तुओं को संरक्षित करने के लिए, महल के कई हिस्सों को संग्रहालयों और कला दीर्घाओं में परिवर्तित कर दिया गया है। महल की सुंदरता का गवाह बनने के लिए, दुनियाभर से हजारों मेहमान पर्यटक हर साल सिटी पैलेस पर जाते हैं। सिटी पैलेस जयपुर के महाराजा का सिंहासन दरबार था, जो कच्छवाहा राजपूत वंश के नेतृत्व में था। महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय, जिन्होंने 1699 से 1744 तक आमेर पर शासन किया, ने शहर के परिसर के निर्माण की शुरुआत की जो कि कई एकड़ में फैल गई। उन्होंने पहले महल परिसर की बाहरी दीवार खड़ा करने का आदेश दिया निर्माण जो कि 1729 में शुरू हुआ था, पूरा होने में तीन साल लग गए। महल का परिसर पूरी तरह से 1732 में बनाया गया था। पता कंवर नगर, जयपुर, राजस्थान - 302002 प्रवेश शुल्क: 75 रुपये विदे

जींदगी एक पहेली है ।

दो खबरों पर जरा नजर डालिए। 1- 12 हजार करोड़ रुपये की मालियत वाले रेमंड ग्रुप के मालिक विजयपत सिंघानिया पैदल हो गए। बेटे ने पैसे-पैसे के लिए मोहताज कर दिया। 2- करोड़ों रुपये के फ्लैट्स की मालकिन आशा साहनी का मुंबई के उनके फ्लैट में कंकाल मिला। विजयपत सिंघानिया और आशा साहनी, दोनों ही अपने बेटों को अपनी दुनिया समझते थे। पढ़ा-लिखाकर योग्य बनाकर उन्हें अपने से ज्यादा कामयाबी की बुलंदी पर देखना चाहते थे। हर मां, हर पिता की यही इच्छा होती है। विजयपत सिंघानिया ने यही सपना देखा होगा कि उनका बेटा उनकी विरासत संभाले, उनके कारोबार को और भी ऊंचाइयों पर ले जाए। आशा साहनी और विजयपत सिंघानिया दोनों की इच्छा पूरी हो गई। आशा का बेटा विदेश में आलीशान जिंदगी जीने लगा, सिंघानिया के बेटे गौतम ने उनका कारोबार संभाल लिया, तो फिर कहां चूक गए थे दोनों। क्यों आशा साहनी कंकाल बन गईं, क्यों विजयपत सिंघानिया 78 साल की उम्र में सड़क पर आ गए। मुकेश अंबानी के राजमहल से ऊंचा जेके हाउस बनवाया था, लेकिन अब किराए के फ्लैट में रहने पर मजबूर हैं। तो क्या दोषी सिर्फ उनके बच्चे हैं..? अब जरा जिंदगी के क्रम पर नजर डा