अलाउद्दीन खिलजी की इतिहास प्रसिद्ध चितौड़गढ़ विजय । Historically famous Chittorgarh victory of Alauddin Khilji.

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अलाउद्दीन खिलजी की विजय (1297-1311 ईस्वीं) अलाउद्दीन खिलजी उत्तरी भारत की विजय (1297-1305 ईस्वीं)-- अलाउद्दीन खिलजी की इतिहास प्रसिद्ध चितौड़गढ़ विजय व प्रारंभिक सैनिक सफलताओं से उसका दिमाग फिर गया था। महत्वाकांक्षी तो वह पहले ही था। इन विजयों के उपरांत वह अपने समय का सिकंदर महान बनने का प्रयास करने लगा। उसके मस्तिष्क में एक नवीन धर्म चलाने तक का विचार उत्पन्न हुआ था, परन्तु दिल्ली के कोतवाल काजी अल्ला उल मुल्क ने अपनी नेक सलाह से उसका यह विचार तो समाप्त कर दिया। उसने उसको एक महान विजेता होने की सलाह अवश्य दी। इसके अनंतर अलाउद्दीन ने इस उद्देश्य पूर्ति के लिए सर्वप्रथम उत्तरी भारत के स्वतंत्र प्रदेशों को विजित करने का प्रयास किया। 1299 ईस्वी में सुल्तान की आज्ञा से उलुगखां तथा वजीर नसरत खां ने गुजरात पर आक्रमण किया। वहां का बघेल राजा कर्ण देव परास्त हुआ। वह देवगिरी की ओर भागा और उसकी रूपवती रानी कमला देवी सुल्तान के हाथ लगी। इस विजय के उपरांत मुसलमानों ने खंभात जैसे धनिक बंदरगाह को लूटा। इस लूट में प्राप्त धन में सबसे अमूल्य धन मलिक कापुर था, जो कि आगे चलकर सुल्तान का

Unusual menstruation and cure in women.

Unusual menstruation

महिलाओं में असामान्य माहवारी व इलाज। 
महिलाओं में अब नॉर्मल यू ट्राइंग ब्लीडिंग सिर्फ कैंसर की वजह से ही नहीं होती है यह किसी भी एज ग्रुप में हो सकती है। पीरियड यानी माहवारी के शुरू होने पर भी अक्सर टीनएजर्स में यह प्रॉब्लम देखने को मिलती है। टीनएजर्स को पीरियड समय पर नहीं आते हैं, या फिर उन्हें ज्यादा ब्लीडिंग होती है। हार्मोनल इंबैलेंस और ओवेलिएशन नहीं होने के कारण पीरियड की साइकिल गड़बड़ा जाती है।
हार्मोनल गड़बड़ी डायग्नोस होने पर हारमोंस पिल्स दे सकते हैं। डॉक्टर्स हेल्दी डाइट की सलाह देते हैं, ताकि पीरियड सामान्य हों पाएं। 18-19 साल की उम्र से पहले हारमोनल ट्रीटमेंट नहीं देते हैं। टीन एजर्स में हार्मोन्स पिल्स देना अवॉयड करते हैं, क्योंकि इससे लड़की की ग्रोथ प्रभावित होती है। ऐसे केशों में डाइट बदलाव लाइफ मॉडिफिकेशन की सलाह दी जाती है, जिससे पीरियड रेगुलर हो जाते हैं।

इंफेक्शन से भी गड़बडाती है पीरियड साइकिल। 
जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी नहीं चाहिए, हारमोंस में गड़बड़ी के कारण पीरियड डिस्टर्ब हो जाते हैं, उन महिलाओं को भी हारमोनल पिल्स दी जाती है। लेकिन प्रेगनेंसी कंसीव करने वाली महिलाओं को हारमोनल पिल्स नहीं देनी चाहिए। इसके अलावा कुछ केशों में फाइब्राइड और इन्फेक्शन की वजह से पीरियड डिस्टर्ब हो जाते हैं। फाइब्राइड की साइज को मद्देनजर रखते हुए ट्रीटमेंट देते हैं। फाइब्राइड की वजह से ज्यादा ब्लीडिंग होने पर सर्जरी ही इसका इलाज नहीं है। नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट से इलाज संभव है। इसलिए पीरियड में गड़बड़ी होने का सही कारण डायग्नोस करके इलाज शुरू किया जाना चाहिए। ब्लीडिंग होने पर एनीमिया से बचने के लिए आयरन दिया जाना चाहिए।

ब्लीडिंग कंट्रोल नहीं होने पर करवाएं कैंसर की जांच। 
मोनोपोज शुरू होने की टाइमिंग पर भी पीरियड साइकिल डिस्टर्ब होता है। इससे ब्लीडिंग ज्यादा होती है। हार्मोनल इंबैलेंस भी उसकी एक बड़ी वजह है। लेकिन ब्लीडिंग की समस्या गंभीर होने पर कैंसर भी डायग्नोसिस किया जाना चाहिए। कैंसर की जाँच करवाएं। यूट्रस निकालना ही इस बीमारी का इलाज नहीं है। नई मार्डन टेक्निक से भी आजकल इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है। इसमें बेलून थेरेपी का काफी महत्वपूर्ण रोल है। इसके अलावा लाइफ स्टाइल और डाइट से भी इसे मेंटेन किया जा सकता है। प्रेगनेंसी कॉन्प्लिकेशन से भी ब्लीडिंग डिस्टर्ब होती है। ऐसे में जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी कंसीव करनी है, उन्हें ऐसी मेडिसिन दी जानी चाहिए, जिससे ब्लडिंग कंट्रोल हो जाए, और प्रेगनेंसी कंसीव करने में मदद मिले।

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में रिलीफ देगी नई एंटीबैक्टीरियल ड्रग। 
अमेरिका स्थित एफडीए ने एडल्ट्स में होने वाले यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लिए वेवोमेरे एंटी बैक्टीरियल ट्रीटमेंट को मान्यता दी है। इसमें विशेष तरह के बैक्टीरिया से होने वाला किडनी इन्फेक्शन भी शामिल है। वेवोमेरे एक तरह की एंटी बैक्टीरियल ड्रग है। इनमे एक तरह का विशेष रजिस्टेंस मैकेनिज्म है। जो बैक्टीरिया से यूज़ किया जाता है। एफडीए इसे सुरक्षित और असरदार एंटीबैक्टीरियल ड्रग के तौर पर उपलब्ध करवाएगा। एफडीए के ड्रग इव्यूलेशन और रिसर्च सेंटर के एंटी माइक्रो बॉयल ऑफिस की ओर से भी अप्रूवल मिल चुका है। यह अप्रूवल कॉन्प्लिकेटेड यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लिए एडिशनल ट्रीटमेंट का विकल्प साबित होगा। यह एक तरह का गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन है।

माहवारी की अनियमितता के दुष्प्रभाव व कुछ प्राकृतिक उपाय। 
माहवारी सामान्य न होने से कई तरह के शारीरिक साइड इफेक्ट हो जाते है। जैसे आंखों के नीचे काले घेरे, गैस, कब्ज, बाल झड़ना, अपच, एसिडिटी, चेहरे पर दाग, झुर्रियां आदि। आंखों के आसपास सूजन और काले घेरे बड़ी आसानी से आ जाते हैं। यह अनुवांशिक कारण नींद की कमी किसी बीमारी तनाव या पोषण की कमी के कारण भी हो सकते हैं।
  1. नियमित नींद और आराम बहुत अधिक मायने रखता है। 
  2. आंखें बंद करने पर इन में प्राकृतिक रूप से नमी आती है। 
  3. आंखों के काले घेरों से बचने के लिए पोषक और संतुलित आहार भी बेहद जरुरी है। 
  4. रोजाना के आहार में ताजा फ्रूट सलाद दही अंकुरित दालों का सेवन करना चाहिए। 
  5. प्रसंस्कृत अनाज स्किम्ड मिल्क कॉटेज चीज दालें और फलों का सेवन भरपूर मात्रा में करें। 
  6. गहरी सांसो के साथ रोजाना व्यायाम करने से रक्त का संचार बढ़ता है और तनाव से राहत मिलती है। 
आंखों के काले घेरों का घरेलु उपाय।
  • आंखों के काले घेरों झुर्रियों और ड्राइनेस के लिए आलमंड क्रीम लगाएं। 
  • 10 -15 मिनट बाद गिली रुई से पोंछ दें। 
  • रोजाना आंखों पर बादाम का तेल लगाकर एक अंगुली से हल्के से मसाज भी कर सकते हैं। 
  • हर आंख पर 1 मिनट के लिए मसाज करें मसाज केवल एक ही दिशा में करनी चाहिए। 
  • 15 मिनट के लिए तेल लगाकर छोड़ दें, इसके बाद गिली रुई से पोंछ दें। 
  • पपीते का गुद्दा लेकर उसमे नींबू का रस और एक चुटकी हल्दी मिलाएं इससे आंखों के आसपास हल्की मसाज करें। 
  • इससे आंखों के आसपास की त्वचा में चमक आएगी। 
  • दूध में थोड़ा केसर मिलाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें, इसमें रुई भिगोकर आंखों पर आई पैड की तरह इस्तेमाल करें। 
  • इससे ड्राइनेस और काले घेरों में राहत मिलती है। 
  • आंखों को गुनगुने पानी से धोए चाहिए। 
  • इसके बाद ठंडे पानी के छींटे मारें इससे आंखों के आसपास रक्त संचार बढ़ेगा। 
  • आलू की पतली स्लाइस काटकर भी आई पैड के रुप में इस्तेमाल करने से आराम मिलता है। 
डाइजेशन सुधरने के घरेलु नुस्खे।
सुबह-शाम इलायची और मिश्री खाने से सुधरेगा डाइजेशन
बिजी लाइफस्टाइल गलत फूड हैबिट्स और स्ट्रेस के कारण इन दिनों महिलाओं में डाइजेशन की प्रॉब्लम काफी कॉमन है। लेकिन इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए सबसे बेस्ट उपाय आयुर्वेद में उपलब्ध है। इनमे से कुछ तो केवल 2 दिन में हमारी डाइजेशन को ठीक कर सकते हैं। आयुर्वेद एक्सपर्ट के अनुसार डाइजेशन सुधारने के ऐसे ही 8 तरीके यहां पर दिए गए है।
  • दो गिलास पानी में दो चम्मच धनिया पाउडर और आधा चम्मच साथ मिला लें, इसका काढ़ा बनाकर चार चार चम्मच सुबह शाम को ले। 
  • एक चौथाई चम्मच सोंठ, एक चम्मच सौंफ और आधा चम्मच मिश्री मिक्स करके सुबह, दोपहर और शाम को खाएं। 
  • आधा चम्मच छोटी हरड़ का चूर्ण सुबह शाम शहद के साथ ले। 
  • आधा-आधा चम्मच बड़ी इलायची पाउडर और मिश्री मिलाकर सुबह-शाम खाएं। 
  • रोज दो चम्मच नींबू के रस में तीन चुटकी जायफल पाउडर मिलाकरपियें। 
  • रोज हींग के पानी में कपड़ा भिगोकर नाभि पर 15 से 30 मिनट तक रखें। 
  • दिन में चार बार एक गिलास गुनगुना पानी पियें। 
  • एक कप पानी में एक-एक चम्मच जीरा और सौंफ मिलाकर उबालें व गुनगुना गुनगुने पानी का सेवन करें। 
अनार खाने से नहीं होंगी झुंरियाँ । 
अनार के नियमित सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होने के साथ ही स्किन संबंधित कई समस्याएं भी दूर होती हैं। इसमें ग्रीन टी और संतरे की तुलना में 3 गुना एंटीआक्सीडेंट होते हैं। जो सीधा स्कीन को फायदा पहुंचाते हैं। रिसर्च के मुताबिक केवल अनार ही नहीं उस की पत्तियों से भी हमें कई तरह के फायदे मिलते हैं। अनार की पत्तियों का पेस्ट लगाने से स्किन हेल्दी रहती है, और तमाम तरह के रोग भी दूर होते हैं। आजकल दूषित और अनियमित खानपान के चलते लोगों को कई तरह की स्किन संबंधित परेशानी हो रही है। जिन लोगों को उम्र से पहले ही एंटी एजिंग की समस्या हो जाती है, या फिर जो लोग झुर्रियों के चलते अपनी उम्र नहीं छुपा पाते हैं, उनके लिए अनार की पत्तियों का पेस्ट बहुत फायदेमंद है। इसे नियमित लगाने से झुर्रियां खत्म होती हैं।

मुहांसों से दिलाती है निजात। 
अगर आप मुहांसों की समस्या से परेशान हैं, तो अनार के पत्तों का पेस्ट आपके लिए बेस्ट है। इसके अलावा अनार के दानों को पीसकर भी मुंहासों पर लगाया जा सकता है। अनार का जूस पी कर भी मुहांसों से छुटकारा पाया जा सकता है।

कोशिकाओं को करता है दुरुस्त। 
अनार त्वचा की कोशिकाओं को जवान रखने में मददगार है। अनार का तेल स्किन को पौष्टिकता दिलाता है यह चेहरे पर चमक लाता है। आप चाहे तो अनार के पत्तों को चबा भी सकते हैं। इसके पत्ते अंदर से कोशिकाओं को दुरुस्त करने का काम करते हैं।


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आपके बहुमूल्य सुझाव मेरा हमेशा मार्गदर्शन करेंगे।

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